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Friday 22 July 2016

                                        ५९ ज्योतिष 

हमारे देश की प्राचीन और सबसे सुंदर विद्या ज्योतिष को आज कुछ लोगों ने पैसों की खातिर बदनाम कर दिया है ।उसी पर मेरा व्यंग्य" होप्स मैगज़ीन में साभार


                                                                                                     

ज्योतिष पूजा पाठ आज बन गया अखाड़ा,
जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसा हो गया नजारा ।
चार किताबें पढ़कर भविष्य आपका बताते हैं ,
अपने कल की खबर नहीं ,लोगों का भविष्य बताते हैं ।
कोई सुनाये लाल किताब ,तो कोई पीली बांचता है ,
लोगों से लेकर मोटी रकम अपनी तिजोरी भरता है ।
पढ़ लिखकर भी बने अन्धविश्वासी ,कोई इन्हें समझाए ।
जीवन है उस शक्ति के हाथों कोई तो राह दिखाये ।
टीवी में मिल जाते है कैसे सच्चे पंडित ,
हमें नहीं मिला आज तक जो सच्ची बात बताये ।
कोई टैरो कार्ड रीडर ,कोई अंक ज्योतिष बताता है ,
कोई हस्त रेखा ग्यानी कोई लाल किताब पढ़ाता है ।
कोई वैदिक ज्योतिष सुनाता ,तो कोई फेस रीडिंग कराता है ।
कोई हस्ताक्षर पढ़ने वाले तो कोई प्रश्न कुंडली सुनाता है 
किससे पूछें अपना हाल दिल बड़ा घबराता है ,
जब देनी पड़ती है नोटों की गड्डी ,इंसान हैरान रह जाता है ।
टीवी पर देखो कैसी बाढ़ आई है ,
भाग्य बताने वाले बन गए सेठ और पूछने वालों की लगी दुहाई है ।
जो खुद हैरान है अपने भाग्य पर ,वो कैसे औरों का भाग्य बतायेगा ,
वो बैठा है ऊपरवाला ,वही सिर्फ सच बतायेगा ।
अच्छा किया ईश्वर ने जो लेखा जोखा रखा अपने हाथों में ,
नहीं तो बेचारा इंसान आने वाले दुःख सुख को सोचकर ही मर जाएगा ।
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