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Monday 30 January 2017

                                     १९.२६ जनवरी 

मेरी रचना ""!!!!! 26 जनवरी का पर्व है !!!!!"" 26 जनवरी को राजस्थान के "वागड़ दूत" में प्रकाशित |
http://www.readwhere.com/read/425640/VAGAD-DOOT/26-JAN-2015#page/4/2

26 जनवरी पर देश के नाम एक सन्देश 

26 जनवरी का पावन पर्व है 
जिस पर हम सब को गर्व है !
दिलाई थी थी जिन्होंने देश को आजादी,
आज हम सब पर ये उनका क़र्ज़ है !
देश की खातिर हो गए कितने ही नौजवान शहीद ,
आज बैठे हैं हम आजाद उसी का ये सत्य है !
खायी थी जिन बापू ने अपने सीने पर गोलियां
निकालते आज उन्ही में क्यूँ दोष हैं ?
बताना दूसरों के अवगुणों को ,
क्यूँ ये हम भारतवासियों का शौक है !
जीकर जो देखी होती उनकी जैसी जिंदगी ,
तभी होता अहसास दूसरों के फ़र्ज़ का है !
दिलाई थी देश को स्वतंत्रता बड़े ही यत्नों से ,
क्यूँ भूलकर उनका त्याग देते हो आज गालियाँ !
न होते उनके जैसे देश भक्त तो ,
क्या मिल पाती आजादी देश को गुलामी से ?
नमन करो उस झण्डे को जिसमें ,
बसे हैं तीनों रंग आजादी के !
दिलाते हैं जो हर पल याद हमें अपने फ़र्ज़ की ,
तिरंगे ने समेट लिया है खुद में अपने देश को !
केसरिया रंग प्रतीक है हिंदुत्व का ,
तो सफ़ेद सिख और ईसाईयों का !
हरा उस मुस्लिम का जो ख़ुशी का प्रतीक है ,
पर बना दिया हम लोगों ने क्यूँ अर्थ का अनर्थ है ?
क्यूँ भूलकर अपनी आजादी का अर्थ ,
हम लगे हैं बेसिर पैर की बातों में !
गर समय रहते नहीं दिया ध्यान तो,
कैसे बचेगी हमारी सभ्यता ?
क्यूँ अपनाकर पाश्चात्य सभ्यता ,
लगे हो देश को मिटाने में !
क्यूँ अभी भी सो रहे हो ,
जागो ए भारत के नौजवानो ,देश को तुम्हारी जरूरत है ,
वो देश जिसने तुम्हें जनम दिया ,
क्यूँ भूल गए उसकी मिट्टी का,
कर्ज ,जिसके तुम हिस्सा हो !
आज मांग रही है भारत माता वापस,
अपनी मिटटी का क़र्ज़ है !
ए मेरे भारत के वीरो ,
दिखला दो फिर से क्रांति ,
जिसकी देश को आज फिर से जरूरत है !!

जय हिन्द ,
जय भारत माता की

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