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Thursday 4 May 2017

                                        ६१.कविता 

जय श्री कृष्णा , जीवन में जब भी कुछ अचानक होता है ,तो चकित कर जाता है ।भूल ही गयी थी ,लेकिन आज आपने ये रचना भेजकर मेरी खुशी को दूना कर दिया ,थैंक्स jyoti prakash khare ji मेरी रचना को अपने पेपर , "द ग्रामोदय विजन" साप्ताहिक (झांसी एवं मऊरानीपुर से प्रकाशित) में जगह देने के लिए ।।

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