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Wednesday 13 December 2017

                                 १७८ ,दांपत्य जीवन 

जिम्मेदारियां अपनी जगह हैं और दाम्पत्य जीवन अपनी जगह । सारी जिम्मेदारियों के बीच में आपसी प्यार को बनाये रखना ही जीवन का मूल उद्देश्य होना चाहिए । पैसे कमाने की धुन में इंसान उसी को क्यों भूल जाता है जिस परिवार के लिए वो दिन रात एक करता है । शादी से पहले और शादी के बाद में जीवन इतना क्यों और कैसे बदल जाता है । शायद किसी भी चीज या इंसान की वैल्यू उसके मिलने से पहले ही होती है । जीवन की विषम परिस्थितियों को भी सिर्फ प्यार और विश्वास के सहारे ही जीता जा सकता है ,यही प्रकृति का भी नियम है ।

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