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Wednesday 13 December 2017

                               १६८, प्रेम या मोक्ष 

कभी कभी हम जिंदगी से वो मांग लेते हैं जो हमारे नसीब में होता ही नहीं ,और ताउम्र उसी के बारे में सोच सोचकर खुद को परेशान करते रहते हैं । हक़ीक़त जाने बिना बस अनजान रास्तों पर चलते रहते हैं,कभी कभी हम जिंदगी से वो मांग लेते हैं जो हमारे नसीब में होता ही नहीं ,और ताउम्र उसी के बारे में सोच सोचकर खुद को परेशान करते रहते हैं ।हक़ीक़त जाने बिना बस अनजान रास्तों पर चलते रहते हैं किसी मंजिल की तलाश में ।यही तो जिंदगी का कड़वा सच है ।

कभी कभी हम जिंदगी से वो मांग लेते हैं जो हमारे नसीब में होता ही नहीं ,और ताउम्र उसी के बारे में सोच सोचकर खुद को परेशान करते रहते हैं ।हक़ीक़त जाने बिना बस अनजान रास्तों पर चलते रहते हैं किसी मंजिल की तलाश में ।यही तो जिंदगी का कड़वा सच है ।



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